जगद्गुरु जी ने श्री मुख से दिए हनुमान चालीसा में “शंकर स्वयं केसरी नंदन” होने के प्रमाण .. |
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जो विधर्मी लोग गुरुजी द्वारा बताए गए श्री हनुमान चालीसा जी के शुद्ध पाठ में “शंकर स्वयं केसरी नंदन” की निंदा कर रहे थे और गलत बता रहे थे तथा प्रमाण मांग थे उनके लिए यह प्रमाण स्वयं जगद्गुरु जी ने अपने श्री मुख से बताए हैं ताकि वे लोग भी श्री हनुमान जी महाराज की चालीसा का शुद्ध पाठ करके उनकी कृपा के पात्र बन सकें।
केवल किसी भी प्रसिद्ध प्रेस के कुछ भी छाप देने से वह सत्य नहीं हो जाता। उसके लिए शास्त्र प्रमाण होने चहिए, संतो की वाणी प्रमाण होनी चाहिए और श्री संप्रदाय के जगद्गुरु जी की वाणी से प्रमाणिक और क्या होगा? जगद्गुरु जी ने प्रमाणों के साथ प्रमाणित किया है की हनुमान चालीसा में शंकर स्वयं केसरी नंदन है। और किसी को और प्रमाण चाहिए तो श्री धाम अयोध्या में हनुमान गढ़ी में जाके उधर की हनुमान चालीसा का पाठ देख लें। प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती। नमो राघवाय।। जय जय श्री सीताराम।। |