Sanwaar Loon-Karaoke |
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Millenium 2000 में average/below average दर्ज़े की बेशुमार फिल्मों की भीड़ में, 2013 में जब विक्रमादित्य मोटवानी की “लूटेरा” release हुई तो मानो तपती दोपहरी में ठंडी हवा का झोंका आ गया. जिसमें रणवीर सिंह और especially सोनाक्षी सिन्हा के अभिनय की ताज़गी थी. “संवार लूं” इसका सबसे लोकप्रिय गीत साबित हुआ. इसके संगीतकार थे अमित त्रिवेदी, गीतकार अमिताभ भट्टाचार्य और नई ताज़गी भरी मधुर आवाज़ थी मोनाली ठाकुर की.
इस फिल्म का परिवेश (Context) बंगाली और 1953-54 साल का था (इसे 50s के दशक का बनाने का निर्णय भी फिल्म निर्माण शुरू होने के बाद लिया गया. शुरू में विक्रमादित्य ने ऐसा नहीं सोचा था). रणवीर और सोनाक्षी जिन्होंने तब तक सिर्फ़ अभिनय की “गुंडई” और “दबंगई” की वज़ह से सफलता पाई थी उनके लिए, ख़ासकर सोनाक्षी के लिए ये बड़ा challenge था. 50s तो छोड़िए, 60s का दशक भी दोनों ने देखा नहीं था. सोनाक्षी के लिए उस ज़माने की हीरोइनों की तरह अदाएं और रोमांस करना आसान नहीं था . उन्हें उनके कई करीबी लोगों ने सलाह दी थी की career के शुरुवात में ही इस तरह के रोल करना आत्मघाती हो सकता है. पर सोनाक्षी ने अपने आत्मविश्वास से इस रोल को सजीव कर दिया. रणवीर ने भी पहले फिल्म में काम करने से मना कर दिया था, पर विक्रमादित्य ने उनमें आत्मविश्वास जगाया. संगीत भी उस दौर का लगना चाहिए इसलिए अमित त्रिवेदी ने उस दौर के संगीत से प्रेरणा ली. बंगाली background की वज़ह से उन्होंने भरपूर प्रेरणा ली सचिन देव बर्मन जी के संगीत से. गाने की melody “दिल का भंवर करे पुकार” (तेरे घर के सामने) से प्रेरित लगती है और Rhythm मिलती जुलती लगती है “ओ पंछी प्यारे” (बंदिनी) से. बंगाली परिवेश, गायिका मोनाली ठाकुर के चुनाव की बड़ी वज़ह रही. मगर मोनाली ने भी गीत को इतने मधुर अंदाज़ में गाया मानों गीत उन्ही के लिए बना हो. और हाँ, अमिताभ भट्टाचार्य की शायरी की तारीफ़ किए बिना इस गीत का ज़िक्र अधुरा है. मोनाली ठाकुर ने इस गीत के लिए Filmfare best singer का ख़िताब हासिल किया. सोनाक्षी सिन्हा भी Nominate हुईं थीं पर दीपिका पादुकोण (रामलीला-गोलियों की रासलीला) ने बाज़ी मारी. (so unfortunate !!). अमित त्रिवेदी और अमिताभ भट्टाचार्य भी Nominate हुए थे. पर आशिकी-2 से आगे नहीं निकल पाए. अब एक पहेली आप श्रोताओं के लिए. इस गीत के चित्रण में सोनाक्षी ने बदल बदलकर 9 साड़ियाँ पहनी. कहते हैं, हर साड़ी की कीमत 25-35 हज़ार रुपये. तो बताइये साड़ियों की कुल लागत कितनी ? |