KHAIRIYAT (tumhari tasveer ke sahare) |
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तुम्हारी तस्वीर के सहारे, मौसम कई गुज़ारे
मौसमी ना समझो पर इश्क़ को हमारे नज़रों के सामने मैं आता नही तुम्हारे मगर रहते हो हर पल मंज़र में तुम हमारे अगर इश्क़ से है मिला, फिर दर्द से क्या गीला? इस दर्द में ज़िंदगी खुशहाल है… |