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ipc498a जानिए दहेज निरोधक कानून के बारे में दहेज निरोधक कानून क्या है what is dowry prevention law

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हेलो दोस्तों मेरा नाम रजत प्रताप सिंह है RV legal सपोर्ट यूट्यूब चैनल में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है दोस्तों इस वीडियो में मैंने आपको बताया है दहेज निरोधक कानून के बारे में

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दहेज के बारे में क्या कहता है भारत का कानून? जानने के लिए पढ़ें

शादी के दौरान दहेज लेने की प्रथा को खत्म करने के लिए भारत के कानून में कुछ प्रावधान दिए गए हैं। फिर चाहे दहेज निषेध अधिनियम हो या डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट। पर सवाल यह है कि इस बारे में कितने लोगों को जानकारी है?

इसी को देखते हुए हमने बात की सुप्रीम कोर्टके वकीलविशाल मिश्रा से। उन्होंने अलग-अलग धारा और उनके तहत दी जाने वाली सजा के बारे में बताया। चलिए जानते हैं इस विषय के बारे में विस्तार से।

विशाल मिश्राबताते हैं किआजकल दहेज के लिए एफआईआर दर्ज होने पर सबसे पहले जो सेक्शन है वो है 498 A । इस केस में पति के अलावा अन्य परिवार वालों पर भी एक्शन लिया जाता है। दहेज की मांग से जुड़े मामले पर 3 साल की सजा सुनाई जा सकती है। बता दें कि यह सेक्शन दहेज नहीं बल्कि किसी भी तरह की क्रूरता के लिए बनाया गया है। इसी के तहत दहेज के मामलों पर भी एक्शन लिया जा सकता है।


सोसाइटी और वीमेन

दहेज के बारे में क्या कहता है भारत का कानून? जानने के लिए पढ़ें

इस आर्टिकल में जानिए कि दहेज के बारे में भारत के कानून में क्या-क्या बताया गया है।   

शादी के दौरान दहेज लेने की प्रथा को खत्म करने के लिए भारत के कानून में कुछ प्रावधान दिए गए हैं। फिर चाहे दहेज निषेध अधिनियम हो या डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट। पर सवाल यह है कि इस बारे में कितने लोगों को जानकारी है?

इसी को देखते हुए हमने बात की सुप्रीम कोर्टके वकीलविशाल मिश्रा से। उन्होंने अलग-अलग धारा और उनके तहत दी जाने वाली सजा के बारे में बताया। चलिए जानते हैं इस विषय के बारे में विस्तार से।

किस सेक्शन के तहत दर्ज होता है मामला


विशाल मिश्राबताते हैं किआजकल दहेज के लिए एफआईआर दर्ज होने पर सबसे पहले जो सेक्शन है वो है 498 A । इस केस में पति के अलावा अन्य परिवार वालों पर भी एक्शन लिया जाता है। दहेज की मांग से जुड़े मामले पर 3 साल की सजा सुनाई जा सकती है। बता दें कि यह सेक्शन दहेज नहीं बल्कि किसी भी तरह की क्रूरता के लिए बनाया गया है। इसी के तहत दहेज के मामलों पर भी एक्शन लिया जा सकता है।


मृत्यु होने पर क्या होता है?

हम कई बार दहेज की वजह से मृत्यु होने तक के भी मामले सुनते हैं। इन मामलों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए आप आईपीसी की धारा 304 बी के तहत लिया जाता है। दोषी पाए जाने वालों को 7 साल से लेकर पूरे जीवन के लिए सजा सुनाई जा सकती है।

दहेज निषेध अधिनियम, 1961 (Dowry Prohibition Act, 1961)

दहेज की प्रथा को रोकने और खत्म करने के मकसद से ही इस अधिनियम को लाया गया था। इस अधिनियम के तहत 2 सेक्शन हैं। सेक्शन 3 और 4। सेक्शन 3 के तहत दहेज लेना और देना दोनों अपराध है और 15 हजार तक के जुर्माने और 5 साल की सजा सुनाई जा सकती है। वहीं सेक्शन 4 कहता है कि दहेज की मांग करने पर 6 महीने से 2 साल तक की सजा हो सकती हैं।

डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट

इन सभी एक्ट के बाद महिलाएं डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट के तहत भी दहेज के खिलाफ आवाज उठा सकती हैं। किसी भी तरह की प्रताड़ना होने पर यह एक्ट मदद करता है।

तलाक के बाद महिलाएं कैसे ले सकती हैं मदद?

सुप्रीम कोर्ट में वकील विशाल मिश्रा बताते हैं कि तलाक लेने के बाद कोर्ट क्या फैसला लेगा यह परिस्थिति पर निर्भर करता है। अगर कोई कपल अपनी मर्जी से तलाक ले रहा है और वहीं कोई महिला दहेज के लिए मारपीट का आरोप लगाकर तलाक ले रही है तो दोनों परिस्थियों में कोर्ट का फैसला अलग होगा।

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