wahid ali wahid poem fenk jahan tak bhala jaye | Patrakaarji | पत्रकारजी | Hindi Poem | हिंदी कविता |
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नीरज चोपड़ा Neeraj Chopra देश के लिए स्वर्ण पदक लेकर आ रहे हैं, जो इस ओलंपिक का पहला और ओलंपिक के इतिहास का एथलेटिक्स में पदक का भी कीर्तिमान उन्होंने स्थापित किया है। ऐसे में वाहिद अली वाहिद साहब की कविता पढ़ी जा रही है, सांझा की जा रही है...
तो वो पूरी कविता पढ़िए, सुनिए, जीत की खुशी मनाइए... इस बिगड़ैल पड़ोसी को तो फिर शीशे में ढाला जाए तेरे मेरे दिल पर ताला राम करें ये ताला जाए वाहिद के घर दीप जले तो मंदिर तलक उजाला जाए कब तक बोझ संभाला जाए युद्ध कहां तक टाला जाए तू भी राणा का वंशज फेंक जहां तक भाला जाए कब तक बोझ संभाला जाए द्वंद्व कहां तक पाला जाए दूध छीन बच्चों के मुख से क्यों नागों को पाला जाए दोनों ओर लिखा हो भारत सिक्का वही उछाला जाए तू भी है राणा का वंशज फेंक जहां तक भाला जाए - वाहिद अली वाहिद #patrakaarji #पत्रकारजी #tokyo2020olympics #NeerajChopra #goldmedal #atheletics |