फेंक जहाँ तक भाला जाए।कविता।वाहिद अली वाहिद।माँ हिंदी।Fek jaha tak bhala jaye poem.Wahid Ali Wahid |
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नमस्कार दर्शकों 🙏
ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद #नीरज_चोपड़ा के साथ-साथ इस कविता की एक पंक्ति भी खूब वायरल हुई। #तू_भी_है_राणा_का_वंशज_फेंक_जहाँ_तक_भाला_जाए इस विडियो में कवि #वाहिद_अली_वाहिद की पूरी कविता आप सबों के समक्ष प्रस्तुत की गयी है। कब तक बोझ संभाला जाए द्वंद्व कहां तक पाला जाए दूध छीन बच्चों के मुख से क्यों नागों को पाला जाए दोनों ओर लिखा हो भारत सिक्का वही उछाला जाए तू भी है राणा का वंशज फेंक जहां तक भाला जाए इस बिगड़ैल पड़ोसी को तो फिर शीशे में ढाला जाए तेरे मेरे दिल पर ताला राम करें ये ताला जाए वाहिद के घर दीप जले तो मंदिर तलक उजाला जाए कब तक बोझ संभाला जाए युद्ध कहां तक टाला जाए तू भी राणा का वंशज फेंक जहां तक भाला जाए एक ओर तो यह जानकर बहुत खुशी होती है कि हिंदी के एक कवि की कविता करोड़ों लोगों तक पहुँच रही है पर दूसरी ओर एक दुःख भी है कि इस काल में कवि वाहिद अली वाहिद जी हमारे बीच नहीं हैं।😢 इसी साल 20 अप्रैल को उनका निधन होना साहित्य-जगत के लिए बहुत शोक की खबर थी। पर अपनी रचनाओं के द्वारा आज भी आप हमारे बीच हैं। #Hindi #WahidAliWahid #NirajChopra #Olympic #goldmedal #Hindikavita |