घर की दरिद्रता को दूर करने के लिए सुनें - श्री रामचरितमानस की चौपाइयां | Ramayan Chaupai |
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इस रामायण चौपाई को सुनने से आपके सारे बिगड़े काम बनते चले जायेंगे - मंगल भवन अमंगल हारी
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - Lycrics - हो, मंगल भवन अमंगल हारी द्रवहु सुदसरथ अचर बिहारी. राम सिया राम सिया राम जय जय राम - २ ... हो, होइ है वही जो राम रचि राखा को करे तरफ़ बढ़ाए साखा राम सिया राम सिया राम जय जय राम - २ हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी आपद काल परखिये चारीहो, राम सिया राम सिया राम जय जय राम - २ हो, जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू ... हो, जाकी रही भावना जैसी रघु मूरति देखी तिन तैसी ... हो, रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई राम सिया राम सिया राम जय जय राम ... हो, हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता कहहि सुनहि बहु विधि सब संता राम सिया राम सिया राम जय जय राम ---------जय सिया राम मंगल भवन अमंगल हारी,राम सिया राम सिया राम जय जय राम,रामायण चौपाई,Ramayan Chaupai,Ramayan Chaupai By br,Raj ravi,br Ramayan Chaupai,रामलीला,चौपाइयां,Jai Siya Ram |